ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO कैसे करें

Blogger On-Page SEO

अगर आप चाहते हैं कि आपका ब्लॉग सर्च इंजन में अच्छी रैंकिंग हासिल करे और उस पर ज्यादा ट्रैफिक आए, तो ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO एक महत्वपूर्ण तकनीक है, जो आपकी वेबसाइट या ब्लॉग के कंटेंट को सर्च इंजन के अनुसार ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करती है। 
ऑन-पेज SEO के तहत आपकी वेबसाइट के हर पेज को ऑप्टिमाइज़ किया जाता है ताकि वह सर्च इंजन में बेहतर प्रदर्शन कर सके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताएंगे कि आप ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO कैसे कर सकते हैं और आपको किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।

(toc)

टाइटल में कीवर्ड का इस्तेमाल:

ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO करने का पहला कदम है कि आपके टाइटल में कीवर्ड होना चाहिए, ताकि यह सर्च इंजन और दर्शकों दोनों को समझ आ सके कि आपका पोस्ट किस बारे में जानकारी प्रदान कर रहा है। कभी भी टाइटल को ज्यादा आकर्षक और SEO फ्रेंडली बनाने के चक्कर में ऐसा न लिखें कि आपके पोस्ट के विषय के बारे में पता ही न चले।

पहले पैराग्राफ में कीवर्ड का उपयोग:

ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO शुरू करने का दूसरा कदम है कि आप अपने मुख्य कीवर्ड का उपयोग पहले पैराग्राफ में करें। उदाहरण के लिए, अगर आपका मुख्य कीवर्ड "ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO'' है, तो इसे नेचुरल तरीके से अपने पहले पैराग्राफ में शामिल करें, ताकि सर्च इंजन को यह पता चल सके कि आपका कंटेंट किस बारे में है। 
अगर आप चाहें तो पहले पैराग्राफ में एक से अधिक बार अपने कीवर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको एक से ज्यादा बार कीवर्ड डालने का मौका नहीं मिल रहा है, तो कम से कम पहले पैराग्राफ में एक बार मुख्य कीवर्ड का इस्तेमाल होना ही चाहिए।

मेटा डिस्क्रिप्शन:

मेटा डिस्क्रिप्शन, जिसे ब्लॉगर में सर्च डिस्क्रिप्शन के नाम से जाना जाता है, ब्लॉगर में आपको 150 शब्दों का सर्च डिस्क्रिप्शन लिखने का मौका मिलता है। इन 150 शब्दों में हो सके तो दो बार अपने मुख्य कीवर्ड का इस्तेमाल करें, नहीं तो कम से कम सर्च डिस्क्रिप्शन में एक बार मुख्य कीवर्ड का इस्तेमाल जरूर करें। 
कई लोग अपने आर्टिकल के पहले पैराग्राफ से कुछ शब्द उठाकर मेटा डिस्क्रिप्शन बना लेते हैं, जबकि ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। आप चाहें तो Chat GPT की मदद से अपने आर्टिकल के लिए एक शानदार मेटा डिस्क्रिप्शन या सर्च डिस्क्रिप्शन लिख सकते हैं।

कीवर्ड फ्रिक्वेंसी:

किसी भी ब्लॉग पोस्ट में अपने मुख्य कीवर्ड का बार-बार उपयोग करना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप बेवजह अपने पोस्ट के अंदर अपने कीवर्ड को डाल रहे हैं। इसे नेचुरल तरीके से अपने पोस्ट में शामिल करना है। अगर आपका आर्टिकल 1000 शब्दों का है, तो इसमें आप 10 से 15 बार अपने मुख्य कीवर्ड को डाल सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे, इसे ज़रूरत से ज्यादा उपयोग न करें।

easy way keyword frequency on blog post

अगर आप बिना जरूरत के बार-बार पोस्ट में कीवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो इसे कीवर्ड स्टफिंग माना जाता है। अगर ऐसा होता है, तो सर्च इंजन का एल्गोरिथ्म इसे स्पैम मान लेता है। अगर आपको अपने पोस्ट में कीवर्ड शामिल करने का अवसर नहीं मिल रहा है, तो आप इसे टाइटल, सब-टाइटल, पहले और आखिरी पैराग्राफ में जरूर शामिल करें। मुख्य कीवर्ड के अलावा आर्टिकल के लिए कई सेकेंडरी कीवर्ड भी होते हैं, जिन्हें बड़े ही सफाई से अपने आर्टिकल में शामिल करना चाहिए।

आंतरिक लिंकिंग:

जब आप अपनी पोस्ट में अपनी ही वेबसाइट के दूसरे पोस्ट का लिंक लगाते हैं, तो इसे Internal Linking कहा जाता है। ऐसा करने से सर्च इंजन को संकेत मिलता है कि आपकी साइट के अलग-अलग पेज आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इसे नेविगेट करना आसान है। इसके अलावा, अगर दर्शक आपके एक पोस्ट से दूसरे पोस्ट में जाता है, तो वह आपकी साइट पर ज्यादा समय बिताता है। किसी भी दर्शक का आपकी साइट पर ज्यादा समय बिताना सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

बाहरी लिंक:

अगर आप अपनी पोस्ट में रेफरेंस के तौर पर किसी दूसरी बड़ी वेबसाइट का लिंक लगाते हैं, तो इसे External Linking कहते हैं। ऐसा करने से सर्च इंजन को यह संकेत मिलता है कि आपकी पोस्ट विश्वसनीय स्रोतों से जुड़ी हुई है, जिससे आपके पोस्ट को सर्च इंजन में रैंक करने में मदद मिल सकती है। इसीलिए ऑन-पेज SEO के तहत External Linking को भी महत्वपूर्ण समझा जाता है। जहां संभव हो, अपने आर्टिकल में External Linking का इस्तेमाल जरूर करें, लेकिन ध्यान रहे कि वह एक ऐसी वेबसाइट होनी चाहिए, जिसकी अथॉरिटी गूगल में पहले से ही शानदार हो।

Permalink ऑप्टिमाइज़ेशन:

Permalink वह लिंक होता है जो इंटरनेट पर आपके पोस्ट के टाइटल के साथ शामिल होता है। ब्लॉगर खुद ही इस लिंक को जनरेट कर लेता है, लेकिन इसे आपको खुद जनरेट करना चाहिए और इसमें अपने मुख्य कीवर्ड को शामिल करना चाहिए, क्योंकि यह आपके पोस्ट के SEO के लिए महत्वपूर्ण होता है। Permalink बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें a, an, the, of जैसे शब्दों को हटा दें, ताकि यह छोटा और आकर्षक लगे।

इमेज ऑप्टिमाइज़ेशन:

किसी भी पोस्ट में इमेज का इस्तेमाल तो किया ही जाता है, लेकिन इमेज को सही तरीके से ऑप्टिमाइज करना आपके ब्लॉग पोस्ट के लिए फायदेमंद होता है। इमेज में Alt Text जोड़ा जाता है, जिसमें आपका कीवर्ड होना चाहिए। कई बार लोग गूगल में इमेज सर्च करते हैं, अगर आपने अपनी इमेज को सही से ऑप्टिमाइज किया होगा, इमेज का टाइटल और Alt Text दिया होगा, तो आपकी इमेज भी सर्च में आ सकती है, जिससे यूजर आपकी वेबसाइट तक पहुंच सकता है। ध्यान रखें कि इमेज का साइज हमेशा कम रखें, ताकि वह आसानी से लोड हो सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आपकी इमेज मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों में रेस्पॉन्सिव हो।

टेबल ऑफ़ कंटेंट:

how to create table of contents in blogger

अगर आपका लेख ज्यादा लंबा है, तो आपको इसमें टेबल ऑफ कंटेंट जरूर जोड़ना चाहिए, ताकि यूजर को पढ़ने में सहूलियत हो। टेबल ऑफ कंटेंट आपके आर्टिकल को आकर्षक और SEO फ्रेंडली बनाता है। इसके अलावा, टेबल ऑफ कंटेंट की मदद से सर्च इंजन के लिए भी इसे नेविगेट करना आसान हो जाता है।

व्याकरण:

व्याकरण किसी भी ब्लॉग पोस्ट की गुणवत्ता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सही व्याकरण पाठकों को बेहतर अनुभव देता है, जिससे वे आपकी पोस्ट को आसानी से समझ पाते हैं। इससे आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ती है, क्योंकि बिना गलती के लिखा हुआ लेख आपको लोगों के सामने एक प्रोफेशनल लेखक की तरह पेश करता है। 
इसके अलावा, सही व्याकरण का इस्तेमाल SEO के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि सर्च इंजन गुणवत्ता वाले कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं। इससे आपकी पोस्ट की रैंकिंग में सुधार होता है। सही व्याकरण आपके संदेश को प्रभावी बनाता है, जिससे आप पाठकों तक सही जानकारी स्पष्ट रूप से पहुँचा सकते हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

अपने पोस्ट के आखिर में अगर आप अपने पोस्ट से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवालों की एक लिस्ट बनाकर लगाते हैं, तो इससे आपके दर्शकों को उनके सवालों का जवाब मिलता है। साथ ही, आपकी वेबसाइट पर इंगेजमेंट भी बढ़ता है। सर्च इंजन की रैंकिंग में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसीलिए आर्टिकल के आखिर में FAQ का इस्तेमाल जरूर करें।

निष्कर्ष:

ब्लॉगर में ऑन-पेज SEO करने के लिए आपको कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे कि कीवर्ड का सही उपयोग, टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन, इंटरनल और एक्सटर्नल लिंकिंग, इमेज ऑप्टिमाइज़ेशन इत्यादि। इन सभी तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करने से आपका ब्लॉग सर्च इंजन में बेहतर प्रदर्शन करेगा और अधिक ट्रैफिक प्राप्त करेगा। 
अगर आप अपनी वेबसाइट पर निरंतर आर्टिकल लिखकर पब्लिश करते हैं और उन्हें पूरी तरह से सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के अनुसार से ऑप्टिमाइज करते हैं, तो आपकी वेबसाइट पर जल्द ही भारी मात्रा में ट्रैफिक आ सकता है।
अगर आप भी ब्लॉगर पर वेबसाइट बनाकर आज ही अपनी ऑनलाइन यात्रा की शुरुआत करना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करके ब्लॉगर पर वेबसाइट बनाना सीख लीजिए। 

FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।

ऑन-पेज ऑप्टिमाइजेशन क्या है?
ऑन-पेज ऑप्टिमाइजेशन का मतलब है अपनी वेबसाइट के अंदर कुछ बदलाव करना ताकि सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को आसानी से समझ सकें और उसे सर्च रिजल्ट में ऊपर दिखा सकें।
SEO कितने प्रकार के होते हैं?
SEO मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है: ऑन-पेज SEO और ऑफ-पेज SEO। ऑन-पेज SEO अपनी वेबसाइट के अंदर किया जाता है जबकि ऑफ-पेज SEO का मतलब है अपनी वेबसाइट के बाहर कुछ काम करना, जैसे कि दूसरे वेबसाइटों पर अपनी वेबसाइट का लिंक देना या सोशल मीडिया पर अपनी वेबसाइट को प्रमोट करना।
SEO एक्सपर्ट कैसे बने?
SEO एक्सपर्ट बनने के लिए आपको SEO के बारे में बहुत कुछ सीखना होगा। आप ऑनलाइन कोर्सेस, किताबें, या SEO ट्यूटोरियल देखकर SEO सीख सकते हैं।
SEO स्पेशलिस्ट की सैलरी कितनी होती है?
SEO स्पेशलिस्ट की सैलरी उनके अनुभव, कौशल, और कंपनी के अनुसार अलग-अलग होती है। भारत में एक शुरुआती SEO स्पेशलिस्ट को 15,000 से 30,000 रुपये प्रति महीना तक की सैलरी मिल सकती है।
SEO एक्सपर्ट बनने में कितना समय लगता है?
SEO एक्सपर्ट बनने में लगने वाला समय अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने समय दे सकते हैं और कितनी मेहनत करते हैं। कुछ लोग कुछ महीनों में SEO एक्सपर्ट बन जाते हैं, तो कुछ लोगों को इसमें सालों लग जाते हैं।