नमस्कार दोस्तों, मैं संतोष आर्य हूँ। अगर आप मेरे YouTube चैनल, साइबर सिक्का से जुड़े हैं, तो आपने अक्सर देखा होगा कि मैं अपने दर्शकों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए अपने द्वारा लिखे गए लेख पढ़ने के लिए बोलता हूँ। लेकिन सवाल यह है कि आखिर मैं पूरी जानकारी वीडियो में ही क्यों नहीं दे देता? आखिर में लोगों को टेक्स्ट पढ़कर सीखने के लिए क्यों बोलता हूँ?
बहुत सारे लोग मुझसे यही सवाल पूछते हैं कि मैं वीडियो में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लोगों को अपनी वेबसाइट पर क्यों भेजता हूं। अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में मैं आपको बताऊंगा कि आखिर मैं ऐसा क्यों करता हूँ। अगर आप इस लेख को ध्यान से पढ़ते हैं और समझते हैं तो यकीनन आपको भी लगेगा कि वास्तव में आपको मेरी बातों का अनुसरण करना चाहिए और वीडियो के साथ-साथ लेख पढ़कर भी ज्ञान हासिल करना चाहिए।
जैसा कि आप सभी लोग जानते ही हैं कि आज के डिजिटल युग में हमारे पास सीखने के लिए अनगिनत विकल्प हैं। वीडियो और लेख दोनों ही ऑनलाइन ज्ञान प्राप्त करने के लोकप्रिय तरीके हैं। इसी कारण मैं आपको ज्ञान देने के लिए दोनों माध्यमों का इस्तेमाल करता हूं। हालांकि, वीडियो और लेख दोनों के अपने कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। आइये अब मैं आपको बताता हूं कि आखिर लेख पढ़कर सीखने के क्या-क्या फायदे हैं।
लेख पढ़कर सीखने के फायदे:
विस्तृत जानकारी:
अब शॉर्ट वीडियो का जमाना आ गया है, इसीलिए लोग ज्यादा समय तक किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो गए हैं। पहले लोग 3 घंटे की फिल्म बड़े मजे से देख लेते थे, लेकिन आज लोग 10 मिनट के वीडियो को भी पूरा नहीं देख पा रहे हैं। इस वजह से सभी वीडियो क्रिएटर अपनी वीडियो की लंबाई कम से कम रखना चाहते हैं, जिसके कारण वीडियो में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ जानबूझकर छोड़नी पड़ती हैं।
जब भी मैं किसी विषय पर विस्तार से वीडियो बनाता हूं, तो वह वीडियो 15 से 20 मिनट की बन जाती है। इसके बाद मुझे लगता है कि इतनी लंबी वीडियो लोग पूरा नहीं देखना चाहेंगे। ज्यादातर लोग तो वीडियो की लंबाई देखकर वीडियो पर क्लिक ही नहीं करेंगे। अगर लोग मेरी वीडियो को देखेंगे ही नहीं, तो मेरा वीडियो बनाने का क्या फायदा।
इसलिए, मैंने निर्णय लिया कि मैं वीडियो को छोटा रखूंगा, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी, और लेख (आर्टिकल) लिखकर उसमें विस्तार से जानकारी दूंगा ताकि लोगों को बेहतर तरीके से समझ आ सके। क्योंकि लेख लिखते समय मेरे मन में यह नहीं रहता है कि इसे छोटा रखना है, बल्कि मेरे मन में यह रहता है कि मुझे ज्यादा से ज्यादा जानकारी देनी है ताकि लोगों को फायदा हो सके। अगर संक्षेप में बताऊं, तो मैं लेख लिखकर जितने विस्तार से जानकारी दे सकता हूं, उतना विस्तारपूर्वक वीडियो में बताना आसान नहीं है।
समय की बचत:
लेख पढ़कर सीखते समय आप अपनी क्षमता के अनुसार जल्दी-जल्दी पढ़ सकते हैं। जहां पर जानकारी आपको ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं लग रही है या फिर आप उसे पहले से ही जानते हैं, तो आप उस पर एक नज़र डालकर आगे बढ़ सकते हैं। जबकि वीडियो देखते समय आपको पूरी वीडियो देखनी पड़ती है क्योंकि अगर आप वीडियो को स्किप करते हैं या फिर आगे बढ़ते हैं, तो हो सकता है कि वहां पर कोई महत्वपूर्ण जानकारी छूट जाए।
ध्यान केंद्रित करने में मददगार:
लेख के माध्यम से किसी भी जानकारी को हासिल करते समय पाठक का ध्यान केंद्रित रहता है। समझ ना आने पर वह किसी भी वाक्य को आसानी से दोबारा पढ़ सकता है और बीच-बीच में रुक कर दी गई जानकारी के बारे में सोचकर और अधिक गहराई से समझ सकता है। जबकि वीडियो को बार-बार रोकने और बैक करके देखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ज्यादातर वीडियो क्रिएटर को अपनी वीडियो को आकर्षक बनाने के लिए उसमें अलग-अलग तरह के विजुअल जोड़ने पड़ते हैं जो अक्सर देखने वाले का ध्यान भटका देते हैं और वह सीखने में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। जबकि आर्टिकल में पाठक सिर्फ पढ़ता है और उसके दिमाग में वही चलता है जो पढता है जिससे वह प्रभावी तरीके से सीख पाता है।
सीखने की स्वतंत्रता:
लेख पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसे अपनी गति से पढ़ सकते हैं। आप जब चाहें रुक सकते हैं, एक ही पंक्ति को दोबारा पढ़ सकते हैं और अपनी समझ को गहराई से विकसित कर सकते हैं। वीडियो या अन्य माध्यमों की तरह किसी विशेष समय सीमा में सब कुछ समझने का दबाव नहीं होता है।
वीडियो में बोले गए शब्दों के बारे में विचार करने का मौका नहीं मिल पाता, जबकि लेख को पढ़ते समय आप एक-एक शब्द को पूरी तरह से फील सकते हैं और उसकी गहराई को समझ सकते हैं जो आपको स्वतंत्र तरीके से सीखने में मदद करता है।
डेटा की बचत:
ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिनके पास हर रोज के लिए सीमित डेटा उपलब्ध होता है। इस वजह से, वीडियो देखते समय उनका डेटा जल्दी खत्म हो जाता है और वे इंटरनेट से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। जबकि लेख पढ़ते समय वीडियो की तुलना में बहुत कम डेटा खर्च होता है।
शब्दावली और भाषा कौशल का विकास:
लेख पढ़ने से आपकी शब्दावली बढ़ती है और आपकी भाषा पर पकड़ मजबूत होती है। इससे न केवल आपकी लिखने की क्षमता में सुधार होता है बल्किआपके बोलने की क्षमता भी बेहतर होती जाती है। जब आप शब्दों को बार-बार पढ़ते हैं, तो वे आपके मस्तिष्क में अधिक गहराई से बैठ जाते हैं, जिससे आपको वह शब्द याद हो जाते हैं।
आलोचनात्मक सोच का विकास:
लेख पढ़ने से आपकी सोचने-समझने की क्षमता में सुधार होता है। आप विषय को गहराई से समझते हैं और उस पर अपने विचार व्यक्त करने में सक्षम होते हैं। लेख पढ़ने से आप विभिन्न दृष्टिकोणों को समझ सकते हैं और अपने निर्णय या राय को तर्कसंगत रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। अगर लेखन में कहीं गलती हुई है तो आपको वहां पर गलती को समझने और उसे अपने मन में सुधारने का अवसर मिलता है जिससे आपको सही और गलत में फर्क महसूस करने का मौका मिलता है।
स्थान की स्वतंत्रता:
वीडियो देखकर सीखने के लिए शांत वातावरण या फिर हेडफ़ोन जैसे उपकरणों की आवश्यकता होती है। जबकि लेख पढ़कर आप कभी भी, कहीं भी सीख सकते हैं। चाहे आप बस या ट्रेन में सफर कर रहे हों या फिर किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर बैठे हों, लेख पढ़कर आसानी से सीख सकते हैं।
बेशक, लेख पढ़कर आप ज्यादा प्रभावी तरीके से सीख सकते हैं, लेकिन बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिन्हें सीखने के लिए वीडियो देखना ज्यादा प्रभावशाली होता है। इसीलिए हम आपको सीखने के लिए लेख और वीडियो दोनों की मदद लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि हमारा उद्देश्य आपको कम समय में अधिक से अधिक ज्ञान देना है ताकि आपकी ऑनलाइन कमाई का सफर आसान हो सके।
निष्कर्ष:
तो दोस्तों, उम्मीद है अब तक आप भली-भाँति समझ गए होंगे कि आखिर मैं वीडियो के साथ-साथ आपको लेख पढ़ने की भी सलाह क्यों देता हूँ। अगर आप इस बात को समझ गए हैं, तो साइबर सिक्का YouTube चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल न भूलें। अधिक जानकारी के लिए आप हमें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फॉलो कर सकते हैं।