अगर आप अपना ब्लॉग शुरू करने के सपने देख रहे हैं, लेकिन ब्लॉगर की सेटिंग्स को लेकर उलझन में हैं, तो इस लेख हम आपको ब्लॉगर की हर छोटी-बड़ी सेटिंग को विस्तार से समझाएंगे। चाहे बात हो SEO ऑप्टिमाइजेशन की, ब्लॉग विजिबिलिटी बढ़ाने की या फिर पेशेवर टच देने की, यह लेख आपके हर सवाल का जवाब देगा। अब ब्लॉगर का हर कोना आपका होगा, जिसके लिए आपने इस लेख को मन लगाकर ध्यान पूर्वक पढ़ना है, आइये अब ब्लॉगर की एक-एक सेटिंग को मोहब्बत से समझ लेते हैं।
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ब्लॉगर सेटिंग खोलें:
ब्लॉगर के डैशबोर्ड के अंदर आते ही आपको नीचे सेटिंग का ऑप्शन दिखेगा, इस पर क्लिक करते ही आपके सामने ब्लॉगर से संबंधित बहुत सारे अलग-अलग तरह की सेटिंग खुल जाएगी।
Basic Settings
Title (शीर्षक):
यहां पर आपको अपना वेबसाइट का नाम लिखना होता है, जो आपकी वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ और ब्राउज़र के टैब में दिखाई देता है। इससे लोग आपकी वेबसाइट को पहचान सकते हैं। जैसे अगर आपकी वेबसाइट क्रिकेट न्यूज़ से आधारित है, तो आपकी वेबसाइट का नाम क्रिकेट न्यूज़ टुडे हो सकता है, जो आप यहां पर लिखेंगे।
Description (विवरण):
यहां पर आपको अपनी वेबसाइट का संक्षिप्त विवरण देना होता है, जैसे कि अगर आपकी वेबसाइट क्रिकेट न्यूज़ पर आधारित है, तो आप यहां पर लिख सकते हैं "इस वेबसाइट में आपको अलग-अलग तरह के और ताज़ा क्रिकेट अपडेट देखने को मिलेंगे"। यह संक्षिप्त विवरण SEO में भी काफी मदद करता है जिससे सर्च इंजन को यह पता चलता है कि आपकी वेबसाइट किस विषय पर आधारित है।
Blog Language (ब्लॉग भाषा):
यहां पर आप अपनी वेबसाइट का भाषा तय कर सकते हैं। अगर आपकी वेबसाइट हिंदी में है तो आप हिंदी भाषा चुनें, अगर इंग्लिश में है तो अंग्रेजी भाषा चुनें। जिससे सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को आपकी भाषा के अनुसार इंडेक्स कर सके और आपके पाठक आसानी से आपका कंटेंट ढूंढ सकें।
Adult Content (एडल्ट कंटेंट):
अगर आपकी वेबसाइट में कुछ ऐसा कंटेंट है जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है, केवल वयस्कों के लिए है, तो इस सेटिंग को ऑन करके आप अपने दर्शकों को पहले से ही सचेत कर सकते हैं कि इसमें आपको 18+ कंटेंट दिखने वाला है। अगर आपकी वेबसाइट में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप इसे ऑफ ही रखें।
Google Analytics Measurement ID (गूगल एनालिटिक्स मेज़रमेंट आईडी):
Google Analytics की मदद से आप अपनी वेबसाइट पर आने वाले दर्शकों के बारे में जान सकते हैं, जैसे कि आपकी वेबसाइट पर कितने दर्शक आ रहे हैं, कहां से आ रहे हैं, और उनकी गतिविधियां क्या-क्या हैं। इसके लिए आपको Google Analytics में अकाउंट बनाना पड़ता है, जहां आपको एक मेज़रमेंट आईडी मिलती है। इस आईडी को आप कॉपी करके यहां पर पेस्ट कर देते हैं। तो इसके बाद Google Analytics आपकी वेबसाइट पर दर्शकों की गतिविधियों को ट्रैक करके आपको दिखाता है।
Favicon:
फ़ेविकॉन आपकी वेबसाइट या ब्लॉग का एक छोटा सा आइकन होता है जो ब्राउज़र के टैब में दिखाई देता है। यह आमतौर पर आपकी वेबसाइट का लोगो होता है और यह आपकी वेबसाइट की पहचान बनाने में मदद करता है। जब आप कई टैब खोलते हैं, तो Favicon आपको आसानी से अपनी वेबसाइट को पहचानने में मदद करता है।
Privacy
Visible to search engines (सर्च इंजन के लिए दिखने योग्य):
अगर आप इस सेटिंग को ऑन रखते हैं तो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स किया जाएगा और इसे ऑफ रखते हैं तो फिर आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन में नहीं दिखाया जाएगा। अगर आप चाहते हैं कि आपकी पब्लिक वेबसाइट पर अधिक से अधिक लोग आए और आप इससे पैसा कमाएं, तो इस सेटिंग को ऑन ही रखें। लेकिन अगर आपकी वेबसाइट निजी है और आप चाहते हैं कि सिर्फ कुछ खास लोग ही इसे देखें तो इस सेटिंग को ऑफ कर दें।
Publishing
Blog Address (ब्लॉग एड्रेस):
यहाँ पर आपकी वेबसाइट का यूआरएल यानी डोमेन नेम होता है। इसे आप चाहें तो बदल भी सकते हैं। यह डोमेन आपको गूगल द्वारा फ्री दिया जाता है, लेकिन आपके यूआरएल के पीछे "yourblog.blogspot.com" लिखा हुआ आ जाता है, जिससे यह पता चल जाता है कि आपने ब्लॉगर की निःशुल्क सेवा का लाभ उठाया है।
Custom Domain (कस्टम डोमेन):
अगर आप चाहते हैं कि आपका डोमेन के पीछे डॉट blogspot.com लिखा ना आए तो फिर आप कस्टम डोमेन खरीद कर यहां पर सेट कर सकते हैं, कस्टम डोमेन आपकी वेबसाइट को ज्यादा प्रोफेशनल और विश्वसनीय बनाता और यह SEO के लिए भी बेहतर माना जाता है।
Fallback Subdomain (फॉलबैक सबडोमेन):
अगर कभी किसी कारणवश आपके कस्टम डोमेन में कोई दिक्कत आती है या आप उसे रिन्यू नहीं करते, तो ऐसी स्थिति में फ़ॉलबैक सबडोमेन काम आता है। यदि कस्टम डोमेन काम नहीं करता है, तो विज़िटर स्वचालित रूप से फ़ॉलबैक सबडोमेन पर रीडायरेक्ट हो जाते हैं। इससे आपका ब्लॉग हमेशा ऑनलाइन रहता है और आपके पाठक आपकी सामग्री को लगातार देख सकते हैं। यह ब्लॉगर की ओर से दी जाने वाली एक डिफ़ॉल्ट सुविधा है।
Redirect domain (रीडायरेक्ट डोमेन):
रीडायरेक्ट डोमेन की मदद से, www वाले एड्रेस और बिना www वाले एड्रेस से एक ही वेबसाइट पर पहुंचाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, हमारी वेबसाइट का नाम www.cybersikka.com है। अगर कोई इसे सिर्फ cybersikka.com लिखकर सर्च करता है, तो उसे भी सफलतापूर्वक हमारी वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर दिया जाएगा।
HTTPS
HTTPS Availability
HTTPS आपकी वेबसाइट की सुरक्षा के लिए है। इसे ऑन करने से आपकी वेबसाइट के URL में 'https://' जुड़ जाएगा, जो कि एक सुरक्षित कनेक्शन का प्रतीक है। इससे कोई भी उपयोगकर्ता बेझिझक आपकी वेबसाइट पर विजिट करता है, इसलिए हमेशा इस सेटिंग को ऑन रखना चाहिए।
HTTPS Redirect
इस सेटिंग को ऑन करने के बाद, जब भी कोई यूज़र HTTP URL से आपकी वेबसाइट खोलना चाहेगा, तो उसे स्वचालित रूप से HTTPS पर रीडायरेक्ट कर दिया जाएगा। इससे यूज़र का कनेक्शन सुरक्षित रहेगा। इसलिए, इस सेटिंग को हमेशा ऑन ही रखना चाहिए।
Permissions
Blog admins and authors
इस सेटिंग की मदद से आप अपनी वेबसाइट पर एक एडमिन या लेखक को जोड़ सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि कोई लेखक आपकी वेबसाइट पर आर्टिकल लिखे, तो उसका ईमेल पता यहां डालें। इसके बाद, वह व्यक्ति आपके कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल से सीधे आपकी वेबसाइट पर आर्टिकल लिख पाएगा।
Pending author invites
यहां पर आपको उन लोगों की सूची दिखाई जाती है जिन्हें आपने लेखन के लिए इनविटेशन भेजा है लेकिन उन लोगों ने अभी तक आपका इनविटेशन को स्वीकार नहीं किया है।
Reader access
इस फीचर की मदद से आप यह डिसाइड कर सकते हैं कि आपकी वेबसाइट को कौन-कौन देख सकता है। यहां पर आपको तीन ऑप्शन मिलते हैं, या तो आप इसे पब्लिक पर सेट कर सकते हैं जिससे आपकी वेबसाइट को कोई भी देख सकता है, या फिर आप इसे प्राइवेट रख सकते हैं जिसे सिर्फ ऑथर ही देख सकता है या फिर आप कस्टम रीडर वाला ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं जिससे आप सिर्फ उन्हीं लोगों को एक्सेस देते हैं जिनका ईमेल एड्रेस अपने जोड़ा होता है।
Posts
Max posts shown on main page
इस ऑप्शन की मदद से आप अपने वेबसाइट के में पेज पर जितने भी पोस्ट दिखाना चाहते हैं उतना सेट कर सकते हैं, अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट के मेन पेज पर 10 आर्टिकल दिखे तो आप यहां पर 10 सेट कर सकते हैं।
Archive Frequency
आर्काइव फ्रीक्वेंसी का सीधा सा मतलब है कि आपके ब्लॉग की पुरानी पोस्ट्स को किस तरह से समूहबद्ध किया जाए और दर्शाया जाए। ये आपके ब्लॉग के आर्काइव पेज पर दिखाई देती हैं। मान लीजिए आपके पास एक बड़ी लाइब्रेरी है। आप अपनी किताबों को साल के हिसाब से, महीने के हिसाब से या फिर किसी और तरीके से व्यवस्थित कर सकते हैं। ठीक उसी तरह, आप अपने ब्लॉग के लेखों को भी अलग-अलग तरीकों से व्यवस्थित कर सकते हैं। जिसमें आप डेली मंथली या ईयरली जैसे ऑप्शन चुन सकते हैं।
Post template
इस ऑप्शन की मदद से आप अपने पोस्ट के लिए कोई टेंप्लेट सेट कर सकते हैं जो आपकी नई पोस्ट से अपने आप जुड़ जाएगी, उदाहरण के लिए अगर आप अपने हर आर्टिकल के आखिर में दशकों से कुछ कहते हैं तो इसे आप यहां पर सेट कर सकते हैं, इसके बाद उसे आपको बार-बार लिखने की या कॉपी पेस्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे हर पोस्ट के अंत में आप "धन्यवाद, इस पोस्ट को पढ़ने के लिए!" जोड़ना चाहते हैं, तो इसे यहां सेट कर सकते हैं।
Image lightbox
इस ऑप्शन को इनेबल करने के बाद अगर कोई भी दर्शक आपकी वेबसाइट पर किसी इमेज पर क्लिक करेगा तो वह इमेज पॉप अप में खुलेगी जो देखने में काफी अच्छा लगता है।
Lazy load images
इस सेटिंग को ऑन करने से आपकी वेबसाइट की स्पीड तेज हो जाती है, क्योंकि इसमें इमेज तभी लोड होती है जब विजिटर आपके पेज के उसे हिस्से तक पहुंचता है। अगर आप इस सेटिंग को ऑफ रखते हैं तो फिर आपकी पोस्ट खुलते ही उसमें सारे फोटो लोड होने लगते हैं, जिससे वेबसाइट की स्पीड कम हो जाती है, विजिटर चाहे उसे फोटो को देखे या ना देखे लेकिन वह फोटो लोड होकर वेबसाइट की स्पीड को कम कर सकती है, इसीलिए बेहतर होगा कि आप इस सेटिंग को भी ऑन ही रखें।
Webp image serving
जब आप ब्लॉगर पर कोई पोस्ट करते हैं और उसमें फोटो लगाते हैं, तो वे फोटो किसी खास फॉर्मेट में होती हैं, जैसे JPEG, PNG, आदि। WebP इन्हीं में से एक तरह की फाइल है। जिसका साइज अन्य तरह की फाइलों की तुलना में काफी कम होता है, जिससे आपकी वेबसाइट की लोडिंग स्पीड बढ़ जाती है, अगर आप इस सेटिंग को ऑन कर लेते हैं तो फिर आप जिस भी फॉर्मेट में इमेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे वह अपने आप WebP में कन्वर्ट हो जाएगी। मैं तो इस सेटिंग को भी ऑन रखता हूं आप ऑन रखो या ऑफ, यह आपकी मर्जी है।
Comments
Comment location
इस फीचर की मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि आपकी पोस्ट पर कमेंट्स कहां दिखाई देंगे, वह पोस्ट के नीचे दिखाई देंगे या फिर अलग पॉप अप विंडो में दिखाई देंगे। अगर आप चाहते हैं कि कमेंट्स आपके में पेज पर ना दिखाई दे तो आप इस Hide पर सेट कर सकते हैं।
Who can comment?
इस सेटिंग की मदद से आप यह तय कर सकते हैं कि आपके पोस्ट पर कौन कमेंट कर सकता है या फिर कौन नहीं कर सकता है। इसमें आपको तीन ऑप्शन मिलते हैं, या तो आपके पोस्ट पर कोई भी कमेंट कर सकता है, या फिर वही कमेंट कर सकता है जिसने गूगल अकाउंट से साइन अप किया होगा या फिर सिर्फ आपकी वेबसाइट का मेंबर ही कमेंट कर सकता है, यहां पर ज्यादातर लोग यूजर विद गूगल अकाउंट सेट करते हैं।
Comment moderation
इस फीचर की मदद से आप अपनी वेबसाइट पर लोगों को उल्टे सीधे कमेंट करने से रोक सकते हैं,अगर आप इस सेटिंग को ऑन कर देते हैं तो फिर जब भी कोई आपकी वेबसाइट पर कमेंट करेगा तो वह कमेंट सीधे पब्लिश नहीं होगा बल्कि वह आपकी अनुमति के बाद ही पब्लिश किया जाएगा। अगर कोई आपकी वेबसाइट पर आपत्तिजनक कॉमेंट करता है तो आप उसे अपनी वेबसाइट पर दिखने से रोक सकते हैं।
कमेंट मॉडरेशन के अंदर आपको तीन ऑप्शन मिलते हैं, जिसमें सबसे पहले है ऑलवेज ऑन, अगर आप इस पर टिक करते हैं तो आपकी अनुमति के बिना कोई भी कमेंट पब्लिश नहीं होगा। अगर सम टाइम करते हैं तो कुछ कमेंट आपकी अनुमति के बगैर भी पब्लिश हो जाएंगे, अगर नेवर करते हैं तो फिर आपकी वेबसाइट पर किसी का भी कमेंट सीधे पब्लिश होगा।
Email Moderation Requests
जब आप अपनी वेबसाइट पर कमेंट को मॉडरेट करने का विकल्प चुनते हैं, तो इस ऑप्शन की मदद से आप वह ईमेल एड्रेस सेट कर सकते हैं जिसे आप कमेंट मॉडरेटर के रूप में रखना चाहते हैं।
Reader Comment Captcha
इस सेटिंग को ऑन करने के बाद अगर कोई भी आपकी वेबसाइट पर कमेंट करता है तो पहले उसे एक कैप्चा भरना पड़ेगा, जिससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि कमेंट करने वाला कोई इंसान ही है बल्कि रोबोट नहीं है, हम तो इस सेटिंग को ऑफ रखते हैं आपकी मर्जी है आपकी ऑन रखो या फिर ऑफ।
Comment from Message
अगर कोई यूजर आपको मैसेज भेजता है तो उस मैसेज को सिर्फ आप ही पढ़ पाते हैं, लेकिन अगर आप इस सेटिंग को ऑन कर दोगे तो यूजर द्वारा भेजा गया मैसेज कमेंट के रूप में आपके पोस्ट के नीचे सब को दिखाई देगा, इस सेटिंग को ऑन करना फायदेमंद तो होता ही है लेकिन कभी-कभी इसका कुछ नुकसान भी देखने को मिल सकता है, इसीलिए सोच समझकर ही इस ऑप्शन का इस्तेमाल करें।
Post using email
ब्लॉगर में "पोस्ट यूजिंग ईमेल" का मतलब है कि आप सीधे अपने ईमेल से अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिख सकते हैं। आपको ब्लॉगर के वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं है। आप बस एक ईमेल लिखते हैं, और वह सीधे आपके ब्लॉग पर एक नया पोस्ट बन जाता है।
जब आप उस ईमेल ऐड्रेस पर कोई ईमेल लिखते हैं, तो ईमेल का विषय आपका पोस्ट का शीर्षक बन जाता है और ईमेल का बॉडी आपका पोस्ट का कंटेंट बन जाता है। इसके अंदर आपको उस ईमेल एड्रेस को डालना पड़ता है जिससे आप पोस्ट लिखना चाहते हैं, इसके अंदर कुछ सेटिंग और है जिसे आप खुद ही समझ जाएंगे, अगर इतना भी नहीं समझ पाते हैं तो भी आपका ब्लॉगिंग करना बेकार है।
Post notification subscribers
ये वे लोग हैं जिन्होंने आपके ब्लॉग को सब्सक्राइब किया है और उन्हें आपके नए पोस्ट के बारे में ईमेल या अन्य नोटिफिकेशन मिलते हैं। यहां से आप आप किसी को हटा भी सकते हैं।
Invite people to post notifications
इस सेटिंग की मदद से आप लोगों को पोस्ट नोटिफिकेशन के लिए इनवाइट कर सकते हैं, आपके यहां पर उस यूजर का ईमेल एड्रेस डालना है और सेंड पर क्लिक कर देना है।
Panding invites for post notifications
इस सेटिंग के अंदर आपको वह लोग दिखाई देंगे जिनको अपने पोस्ट नोटिफिकेशन के लिए इनवाइट किया होगा लेकिन उन्होंने आपका इनविटेशन को स्वीकार नहीं किया होगा।
Comment notification subscribers
इस सेटिंग के अंदर आप उन लोगों को देख या फिर मैनेज कर सकते हैं जिन्होंने आपके कमेंट सेक्शन को सब्सक्राइब किया है, अगर आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर कोई भी नया कमेंट आता है तो उन्हें नोटिफिकेशन चली जाती है।
Invite people to comment notifications
इस सेटिंग की मदद से आप किसी भी यूजर को अपने कमेंट सेक्शन को सब्सक्राइब करने के लिए इनवाइट कर सकते हैं, यहां पर आपको उस यूजर का ईमेल ऐड्रेस डालकर सेंड पर क्लिक कर देना है।
Pending invites for comment notification
इस सेटिंग के अंदर आपको वह यूजर दिखाई देंगे जिन्हें आपने अपनी वेबसाइट के कमेंट सेक्शन को सब्सक्राइब करने के लिए इनविटेशन भेजा है लेकिन उन्होंने आपका अपमान करते हुए आपका इनविटेशन को स्वीकार नहीं किया है।
Formatting
Time zone
इस सेटिंग की मदद से आप अपना टाइम जोन सेट कर सकते हैं, अगर आप इंडिया में रहते हैं तो आप यहां पर "India Standard Time " सेट करें, ताकि आपके द्वारा शेड्यूल की गई सभी पोस्ट सही समय पर पब्लिश हो सके।
Date header format
इस सेटिंग की मदद से आप ये सेट कर सकते हैं कि आपकी वेबसाइट पर तारीख किस तरह से दिखाई देगी, उदाहरण के लिए तारीख को "31 दिसंबर 2024" या "2024/12/31" के रूप में दिखा सकते हैं। यह आपके ब्लॉग के लुक और रीडिंग अनुभव को बेहतर बनाने में हेल्प करती है, यहां पर आप अपने पसंदीदा फॉर्मेट को सिलेक्ट कर सकते हैं।
Archive index date format
यह सेटिंग भी लगभग डाटा हेडर फॉरमैट की तरह ही काम करता है, अगर आप अपनी वेबसाइट पर पब्लिश पुरानी पोस्ट को आर्काइव के माध्यम से दिखाना चाहते हैं। तो यहां से आप आर्काइव में तारीख का फॉर्मेट निर्धारित कर सकते हैं।
Timestamp format
इस सेटिंग की मदद से आप अपनी वेबसाइट पर समय दिखाने के प्रारूप को सेट कर सकते हैं, इस सेटिंग के अंदर आपको अलग-अलग तरह के Timestamp format फॉरमैट नजर आएंगे, आपको जो अच्छा लगता है उसे सेलेक्ट कर लीजिए।
Comment timestamp format
यह सेटिंग भी सेम टाइम स्टांप फॉर्मेट की तरह काम करती है, जब भी कोई यूजर आपकी वेबसाइट पर कमेंट करता है तो उसके कमेंट पर टाइम किस तरह से दिखाई देगा, आप यहां से सेट कर सकते हैं, हालांकि यह सेटिंग कुछ खास महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन फिर भी आपको बताना मेरा धर्म है।
Meta tags
Enable search description
ये सेटिंग SEO के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसे ऑन करने के बाद आप अपने वेबसाइट के लिए एक सर्च डिस्क्रिप्शन लिख सकते हैं, जो सर्च इंजन में दिखाई देगा जिससे आपकी वेबसाइट के सर्च इंजन मेंरैंक होने के चांसकाफी बढ़ जाते हैं।
Search description
यहां पर आप अपनी वेबसाइट के लिए सर्च डिस्क्रिप्शन लिख सकते हैं, जो सिर्फ डेढ़ सौ शब्दों के अंदर होगा, इस डिस्क्रिप्शन से आपकी वेबसाइट के बारे में होनी चाहिए, यह दर्शकों को यह निर्णय लेने में मदद करता है कि वह आपकी वेबसाइट पर विजिट करें या फिर ना करें।
Errors and Redirects
Custom 404
जब भी कोई यूजर आपकी वेबसाइट का कोई पेज या पोस्ट खोलना है, अगर वह कंटेंट मौजूदा समय में मौजूद नहीं है तो वहां पर 404 पेज दिखाई देता है, इस सेटिंग की मदद से वहां पर आप कोई भी मैसेज सेट कर सकते हैं जैसे की माफ कीजिएगा यह पेज अभीउ पलब्ध नहीं है या फिर अंडर कंस्ट्रक्शन है, इससे आपकी वेबसाइट पर आने वाली यूजर का अनुभव अच्छा बना रहता है।
Custom redirects
कस्टम डायरेक्ट की मदद से आप अपनी वेबसाइट के किसी पुराने यूआरएल को नए यूआरएल पर रीडायरेक्ट कर सकते हैं, मान लीजिए अगर आपकी कोई पोस्ट गूगल में रैंक होती है लेकिन किसी कारणवश आपको उस पोस्ट को डिलीट करना पड़ जाता है तो आप उस पोस्ट के यूआरएल को किसी नई पोस्ट के यूआरएल पर रीडायरेक्ट कर सकते हैं।
इस सेटिंग के अंदर आपको पहले उस यूआरएल को लिखना होता है जिसका कंटेंट किसी कारणवश उपलब्ध नहीं है और दूसरे वाले में उस यूआरएल को डालना है जिस पर आप रीडायरेक्ट करना चाहते हैं।
Crawlers and Indexing
Enable custom robots.txt
इसे ऑन करने से आप अपनी वेबसाइट के लिए कस्टम robots.txt फ़ाइल सेट कर सकते हैं। यह सर्च इंजन के बॉट्स को निर्देश देता है कि वे किन पेजेस को क्रॉल करें और किन्हें छोड़ें। उदाहरण के लिए, यदि आप चाहते हैं कि सर्च इंजन आपके वेबसाइट के किसी विशेष पेज को क्रॉल न करें, तो इसे यहां से निर्देशित कर सकते हैं।
Custom robots.txt:
यह एक टेक्स्ट फ़ाइल है जो सर्च इंजन को बताती है कि आपके ब्लॉग के कौन से हिस्से को क्रॉल किया जा सकता है और कौन से हिस्से को नहीं। अपनी वेबसाइट के लिए इस फाइल को क्रिएट करने के लिए आपको ऑनलाइन बहुत सारे फ्री टूल मिल जाते हैं इसके अलावा आप यह सीखने के लिए यूट्यूब पर वीडियो भी देख सकते हैं जो कोई बड़ी बात नहीं है, बहुत आसान है।
Enable custom robots header tags
यह सेटिंग आपको अपनी वेबसाइट के अलग-अलग पन्नों के लिए अलग-अलग robots.txt निर्देश देने की अनुमति देती है।
Home page tags
इस सेटिंग के माध्यम से आप क्राउलर्स को बता सकते हैं कि वह आपकी वेबसाइट के होम पेज को क्रॉल कर सकता है या नहीं, जाहिर सी बात है अगर आप की वेबसाइट पब्लिक है तो आप जरूर चाहेंगे की क्रौलर आपकी वेबसाइट के होम पेज को क्रॉल करें इसीलिए इसकी सेटिंग के अंदर जाकर आपको पहले नंबर वाली सेटिंग all को इनेबल कर देना है और फिर सातवें नंबर वाली सेटिंग noodp को इनेबल करके सेव कर देना है।
Archive and search page tags
इस सेटिंग के माध्यम से आप क्रौलर को यह बता सकते हैं कि उन्हें आपकी वेबसाइट में मौजूद आर्काइव और पेज को क्रॉल करना है या नहीं, ज्यादातर लोग इन चीजों को इंटेक्स नहीं करना चाहते हैं इसीलिए इस सेटिंग में जाकरआप दूसरे नंबर पर noindex और सातवे नंबर पर noodp को इनेबल करके सेव कर सकते हैं।
Post and page tags:
ये आपके ब्लॉग के अलग-अलग पोस्ट और पेजों को कॉल करने की अनुमति देता है,अगर आपका वेबसाइट पब्लिक है तो फिर आप इसे पहले नंबर वाली सेटिंग all को इनेबल कर देना है और फिर सातवें नंबर वाली सेटिंग noodp को इनेबल करके सेव कर देना है।
Google Search Console:
गूगल सर्च कंसोल एक फ्री और ब्लॉगर्स के लिए बहुत ही शानदार टूल है, इसकी मदद से आप अपनी वेबसाइट पर मौजूद डाटा को सर्च इंजन को इंडेक्स कर सकते हैं, इसके लिए आपको सर्च कंसोल में अपना अकाउंट बनाना होता है और फिर अपनी वेबसाइट को उसमें शामिल करना होता है।
Monetization
Enable custom ads.txt
अगर आपकी वेबसाइट किसी भी ऐड नेटवर्क की तरफ से अप्रूव हो जाती है तो आप इस ऑप्शन को इनेबल करके नीचे कस्टम ads.txt में जाकर उसका ads.txt यहां पर लगा सकते हैं, जिससे आपकी वेबसाइट में विज्ञापन दिखाए जा सकते है, मार्केट में बहुत सारी ऐड नेटवर्क कंपनियां मौजूद हैं जिसमें गूगल ऐडसेंस सबसे लोकप्रिय और शानदार प्लेटफॉर्म है।
Manage Blog
Import content
इस ऑप्शन की मदद से आप किसी दूसरे ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर लिखे गए अपनी पोस्ट को या फिर किसी भी तरह के डाटा को यहां पर इंपोर्ट कर सकते हैं।
Back up content
इस ऑप्शन की मदद से आप अपनी वेबसाइट का बैकअप ले सकते हैं, अगर किसी कारणवश आपकी वेबसाइट में कोई तकनीकी गड़बड़ी हो गई या फिर आप अपनी वेबसाइट को कंस्ट्रक्शन मोड में डाल रहे हैं, तो इस स्थिति में आप बेकअप लेकर अपनी वेबसाइट के डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं, कुछ गड़बड़ होने पर आप बैकअप डेटा को इंपोर्ट करके अपनी वेबसाइट को फिर से पहले जैसी बन सकते हैं।
Videos from your blog
इस ऑप्शन का मतलब है कि आपने अपने ब्लॉग पर जो भी वीडियो अपलोड किए हैं, उन सबकी एक सूची देख सकते हैं। ये वीडियो आपने किसी पोस्ट में एम्बेड किए होंगे या फिर सिर्फ अपनी गैलरी में सेव किए होंगे।
Media from your blog
इस ऑप्शन का मतलब है कि आपने अपने ब्लॉग पर जो भी मीडिया फाइलें अपलोड की हैं, उन सबकी एक सूची देख सकते हैं। इसमें वीडियो के अलावा तस्वीरें, डॉक्यूमेंट्स और अन्य फाइलें भी शामिल हो सकती हैं।
Remove your blog
इस ऑप्शन की मदद से आप अपनी वेबसाइट को डिलीट कर सकते हैं, जिससे आपकी पूरी वेबसाइट डिलीट हो जाएगी, लेकिन इस ऑप्शन को परफॉर्म करने से पहले आपको अपनी वेबसाइट का बैकअप जरूर ले लेना चाहिए।
Site Feed
इस ऑप्शन की मदद से आप अपने ब्लॉग की RSS फ़ीड को सेट कर सकते हैं। RSS फ़ीड आपके कंटेंट को ऑटोमैटिकली शेयर करने में मदद करती है, जिससे आपके फॉलोअर्स आसानी से नई पोस्ट्स देख सकते हैं। अगर आपको अपनी वेबसाइट के लिए RSS क्रिएट तैयार करना नहीं आता है और इसे सीखना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करके सीख सकते हैं, इस लेख में हमने बड़ी ही आसानी से किसी भी ब्लॉगर वेबसाइट के लिए RSS फ़ीड तैयार करना सिखाया है।
Allow blog feed
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Post feed redirect URL
यह विकल्प आपको अपने पोस्ट फ़ीड को किसी अन्य URL पर रीडायरेक्ट करने की अनुमति देता है। मान लीजिए आपने ब्लॉगर पर एक पोस्ट लिखी है और आप चाहते हैं कि जब कोई इस पोस्ट के लिंक पर क्लिक करे तो वह सीधे आपकी वेबसाइट के किसी अन्य पेज पर पहुंच जाए।
Post feed footer
यह ऑप्शन आपको आपके वेबसाइट के फीड के अंत में एक कस्टम टेक्स्ट लिखने की अनुमति देता है, जिससे आप अपने यूजर को कोई भी मैसेज दे सकते हैं।
Title and enclosure links
इस ऑप्शन की मदद से आप अपने फीड में दिखाए जाने वाले टाइटल और लिंक को कस्टमाइज्ड कर सकते हैं, जो कुछ लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है।
General
Use Blogger draft
इस ऑप्शन को इनेबल करने के बाद आप ब्लॉगर में आने वाले नए फीचर को पहले इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर ब्लॉगर अपने प्लेटफार्म पर कोई नया फीचर जोड़ता है तो उसे पहले कुछ खास यूजर के साथ टेस्ट करता है। अगर आप इस ऑप्शन को इनेबल रखते हैं तो आप भी ब्लॉगर के नए फीचर को पहले इस्तेमाल कर सकते हैं, हो सकता है बाद में वह फीचर बंद भी हो सकता है या फिर सभी के लिए लॉन्च भी हो सकता है, आप चाहे तो इस ऑप्शन को इनेबल रख सकते हैं।
Edit Profile
इस ऑप्शन की मदद से आप अपने ब्लॉगर के प्रोफाइल को एडिट करके और भी बेहतर बना सकते हैं, इसमें आप नाम, ईमेल और वेबसाइट का लिंक जोड़ सकते हैं, जो आपकी वेबसाइट के विजिटर के लिए प्रोफाइल पेज पर दिखाई देगी, जिससे वह आपको अच्छी तरह से पहचान पाएंगे, समझ पाएंगे।
View Profile
इस ऑप्शन की मदद से आप यह देख सकते हैं कि लोगों को आपकी प्रोफाइल कैसे दिखेगी,अगर आप उसमें कुछ बदलाव करना चाहते हैं तो एडिट प्रोफाइल में जाकर कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
अगर आपने इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़ लिया है और समझ लिया है तो अपने ब्लॉगर की A से Z तक हर सेटिंग पर मास्टरी हासिल कर ली है, उम्मीद है अब आपको ब्लॉगर की सेटिंग को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं रहेगा, अगर आप जानना चाहते हैं कि ब्लॉगर में FAQ स्कीमा कैसे लगाया जाता है तो यहां पर क्लिक करके सीख लीजिए।